नमस्कार मित्रों स्वागत है एक और लेख मे और आजके इस लेख मे हम जानेंगे की हिंदी व्याकरण मे “क्रिया किसे कहते है/Kriya kise kahate hain” इससे पहले हमने आपको बताया था की हिंदी व्यंजन किसे कहते है यदि आपने अभी तक उस लेख को नहीं पफा है तो इस लेख के बाद उसको अबश्य पढ़ें। तो चलिए मित्रों जानते है की क्रिया किसे कहते है और क्रिया के भेद क्या है।
क्रिया की परिभाषा और भेद (Kriya Kise Kahate Hain)
साधारण भाषा मे समझें तो जिन शब्दों से किसी भी कार्य या काम का करना या होना प्रतीत होता है या समझमे आता है उसे क्रिया कहते है।
जैसे उठना, बैठना, पढ़ना, रोना, गाना, जाना, इत्यादि सभी एक क्रिया शब्द है, अतः चलिए हम आपको इसके कुछ उदाहरण देकर समझाते है। Kriya Kise Kahate Hain
- गोपाल गाना गा रहा है।
- काली मा आशीर्वाद दे रही है।
- दादी खाना बना रही है.
प्रथम उदहारण में गोपाल कोई गाना गारह है ऐसा प्रतीत होता है इसलिए इहाँ पर “गा” को क्रिया मन जायेगा, इसी तरह से “आशीर्वाद” बना, इत्यादि भी एक क्रिया शब्द है जिससे कोई व्यक्ति या प्राणी या अन्य कोई सजीव या निर्जीव बस्तु कुछ कार्य करते हुए प्रतीत होते है, इसी तरह से हमने कुछ और भू दाहरण आपके लिए लिखा है जिनको आप पढ़ सकते है और Kriya kise kahate hain समझ सकते है.
क्रिया किसे कहते हैं उदाहरण सहित
जिन शब्दों को सुनने के बाद उससे कोई कार्य करना या होना प्रतीत होता है या वोध होता है उसे क्रिया शब्द कहेते है अतः हम अब आपको एक उदहारण भी देकर समझाते है “रतन जी चाय बना रहे है” अब इहाँ पर (रतन – एक व्यक्ति का नाम है यानि की बिसेश्य है और वो जो क्रिया कर रहे है वो है चाय बनाना, तो इहाँ पर चाय कोई क्रिया शब्द नही है, “बनाना” एक क्रिया है.
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अब आप सब यह भी प्रश्न कर सकते है की चाय बना रहे है तो चाय बनाना एक क्रिया होगा, किन्तु ऐसा नही है, कोई भी व्यक्ति चाय के जगह पर अन्य कुछ बनाने में साक्ष्यं है, इसलिए चाय केवल एक वस्तु है, और बनाना एक क्रिया है, इसलिए “बनाना” ही क्रिया होगा. Kriya Kise Kahate Hain
क्रिया शब्द के उदाहरण
रतन जी चाय बना रहे है परसुराम जी ही लिखते है सुदामा चाय पि रहा है माँ गाना गा रही है बेहेन पूजा कर रही है भाई बाजार जा रहा है मैं अभी खाना खा रहा हूँ सुब्रोतो नाच रहा है एक छोटा बचा चिल्ला रहा है वहां एक कुत्ता जा रहा है तुम कहाँ से आ रहे हो? मैं गेम खेल रहा हूँ मैं लिख रहा हूँ कोमल लिख रही है कोमल नाहा रही है दिलीप गाड़ी चला रहा है मनोज पानी पि रहा है सिन्ध्या हस रही है समंदर सुख रहा है मछली ter रही है |
इसी तरह के और भी अन्य कई उदहारण है जो आप रोजाना उनका उपयोग तो करते है किन्तु आपको पता नही रहेता है की वो असल में कोंसे शब्द है, और हमारे इस लेख के बाद यदि आपको कभी पता चलता है की हां यह भी एक क्रिया शब्द है तो हमें कमेंट करके सूचित करें हम उनको भी इश श्रेणी में जोड़ देंगे.
क्रिया के भेद
क्रिया के मुख्यतः 2 भेद होते है पहला है कर्म के आधार पर क्रिया के भेद और दूसरा है रचना के आधार पर क्रिया के भेद, किन्तु in दोनों के अन्दर भी भेद होते है जेसे – कर्म के आधार पर क्रिया के भेद में 2 और भेद – अकर्मक क्रिया और दूसरा है संक्रामक क्रिया है, तो चलिए इसे और अछे से समझते है.
कर्म के आधार पर क्रिया के भेद
- सकर्मक क्रिया
- अकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया क्या है?
किसी भी क्रिया से पहले क्या अथवा कैसे इस तरह का प्रश्न पूछने पर यदि उसका कोई उत्तर नहीं मिलता है तो वो अकर्मक क्रिया होगा, इसके अतिरिक्त कोई प्रश्न करने पर यदि उत्तर करता के प्रति होता है तो भी वो क्रिया अकर्मक क्रिया होगा।
अतः हमने निचे 4 उदाहरण देकर समझाया हुआ है कृपया ध्यान से पढ़ें।
- बच्चा सो गया है। इहान पर प्रश्न है – कौन सो गया है? उत्तर है बच्चा सो गया है अर्थात राम करता है और इसमें उत्तर भी करता को दर्शाता है, इसलिए यह भी एक अकर्मक क्रिया है।
- लड़की चली गयी। यहाँ पर प्रश्न है कौन चली गयी? उत्तर है लड़की, अर्थात लड़की करता है और चली गयी क्रिया है, और यह भी एक अकर्मक क्रिया है।
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सकर्मक क्रिया क्या है?
जिस क्रिया मे कर्म यानि की करता के प्रति फल प्राप्त होता है उसे सकर्मक क्रिया कहते है।
अर्थात किसी वाक्य मे यदि क्या, किसे, किसको इत्यादि लगा कर प्रश्न किआ जाये और उसका उत्तर प्राप्ति हो तो वो सकर्मक क्रिया है। चलिए इसे और अच्छे से समझते है। Kriya Kise Kahate Hain
- मैं किताब पड़ता हूँ। अब यहाँ पर प्रश्न है मैं क्या पढ़ रहा हूँ, और उत्तर है किताब, अतः किताब कर्म है और यह एक सकर्मक क्रिया है।
- राम ने साम को मारा, यहाँ पर प्रश्न है किसे मारा, उत्तर है साम को मारा
सकर्मक क्रिया की पहचान क्या है?
किसी भी क्रिया के साथ “क्या, कैसे, किसको” इत्यादि शब्द लगाकर प्रश्न करने पर उसके उत्तर यदि पाया जाता है तो वो क्रिया सकर्मक क्रिया होगा।
- जैसे – दादी ने दादू को खिलाया
- प्रश्न है – किसको खिलाया
- उत्तर है – दादू को अर्थात दादू ही कर्म है
सकर्मक क्रिया के भेद (Sakarmak Kriya ke bhed)
सकर्मक क्रिया तो आपको समझ मे आ गेया किन्तु इसके अंदर भी 2 और भेद है जिनके बारे मे आपको जानना चाहिए, सकर्मक क्रिया मे दो भेद होते है जो कुछ इस प्रकार है – एककर्मक क्रिया और द्विकर्मक क्रिया
- एककर्मक क्रिया क्या है
किसी भी क्रिया जिसका कर्म एक हो अर्थात कार्य एक हो उसे एककर्मक क्रिया कहते है।
एककर्मक क्रिया का उदाहरण कुछ इस प्रकार है जैसे – गोपाल ने खाना खाया।
इहान पर गोपाल करता है और खाना एककर्म है। क्योंकि गोपाल यहाँ पर खाना खाने के अतिरिक्त कुछ भी और नहीं कर रहा है इसलिए इहान पर इसे एक ही कार्य मना जायेगा। Kriya Kise Kahate Hain
- द्विकर्मक क्रिया
द्वीकर्मक जिस क्रिया में कर्म दो होते है या 2 क्रिया प्रतीत होता है उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं।
द्विकर्मक क्रिया के उदहारण
- मेने दीपक को कलम दिया
- इसमें प्रश्न है क्या दिया?
- उत्तर है – पुस्तक दिया
किन्तु इहाँ पर दुबारा प्रश्न आता है की किसको दिया
- उत्तर है – दीपक को दिया
तो दोस्तों आप इहाँ पर देख सकते है की कर्म इहाँ पर दो है और प्रश्न भी दो है उत्तर भी 2 है, इसलिए यह एक द्विकर्मक क्रिया है.
अकर्मक क्रिया (Kriya Kise Kahate Hain)
जिस क्रिया के साथ कर्म नहीं होता है तथा क्रिया का प्रभाव सिर्फ़ कर्ता पर पड़ता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं|
अकर्मक क्रिया
- अर्थात – बिना कर्म के
- जिस क्रिया का फल सीधा कर्ता पर पड़ता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं
- जैसे – कोमल हंस रही है।
- बच्ची रो रही है।
- गोपाल उठ गया।
रचना के आधार पर (Kriya Kise Kahate Hain)
संरचना की दृष्टि से रचना के आधार पर क्रिया के पांच भेद हैं, जिनके बारे में हमने निचे बताया हुआ है.
1. सामान्य क्रिया
2. संयुक्त क्रिया
3. नामधातु क्रिया
4. प्रेरणार्थक क्रिया
5. पूर्वकालिक क्रिया
सामान्य क्रिया
जिस वाक्य में क्रिया हो, उसे मूल क्रिया कहते हैं।
जैसे—सीता ने रोटी खाई।
स्मैश गया
संयुक्त क्रिया
जिस बिंदु पर कम से कम दो क्रियाएं मिलकर एक पूर्ण क्रिया का निर्माण करती हैं, उस बिंदु पर उन्हें यौगिक क्रिया कहा जाता है। Kriya Kise Kahate Hain
जैसे- माताजी ने प्रसाद बिखेर दिया।
पापा आ गए।
संज्ञा क्रिया/संयुक्त क्रिया
संज्ञा, सर्वनाम और पर्यायवाची से बनी क्रिया को नामधातु क्रिया कहते हैं।
उदाहरण के लिए, संज्ञाओं का उपयोग करके निर्मित क्रियाएं
- हाथ = छीनना
- लज = लजियाना
- अड़चन = गठिया
- सर्वनाम के साथ क्रिया
- विविधता = पेंट
- अपना = लेना
वर्णनकर्ताओं से बनी क्रियाएं
- उष्ण = गर्म
- टोतला = आहरण
प्रेरक क्रिया
जहां अभ्यासी कार्य को स्वयं करने के बजाय किसी अन्य व्यक्ति से कार्य को पूरा करने के लिए करवाता है, वहां एक शक्तिशाली क्रिया होती है।
उदाहरण के लिए – विशेष महिला नौकर से बर्तन साफ करवाती है।
कारक क्रिया दो प्रकार की होती है।
1. केंद्रीय खिलाड़ी
2. दूसरा इरादा बल
1. प्रथम प्रेरणा – जब अभ्यासी स्वयं किसी अन्य व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है, तो इसे प्राथमिक प्रेरणा क्रिया के रूप में जाना जाता है।
जैसे – मैं तुम्हें कहानी सुनाता हूँ ।
2. द्वितीय प्रेरणा- जब विषय स्वयं को कार्य में सम्मिलित न करके किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कार्य को समाप्त कर देता है तो इसे द्वितीय प्रेरणा कहते हैं।
उदाहरण के लिए – माँ घर की नौकरानी से सफाई करवाती है।
वह अपनी छोटी बच्ची को शिक्षक से गीता का पाठ करवाता है।
पूर्वकालिक क्रिया
किसी भी वाक्य में प्रधान क्रिया के पहले आने वाली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं।
मसलन-मुकेश ने खाना खाकर आराम किया।
पढ़ने के बाद अनिल खेलने लगा।
Kriya Kise Kahate Hain Video
जिस क्रिया के साथ कर्म नहीं होता है तथा क्रिया का प्रभाव सिर्फ़ कर्ता पर पड़ता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं| जिस क्रिया मे कर्म यानि की करता के प्रति फल प्राप्त होता है उसे सकर्मक क्रिया कहते है।
निष्कर्ष:
तो मित्रों आज हमने जाना की kriya kise kahate hain और क्रिया के भेद को उदहारण के साथ समझा, यदि आपके मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो आप हमसे पूछ सकते है कमेंट बॉक्स आपके लिए सदेव खली है, और यदि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा है तो इसे अपने अन्य मित्रों के साथ साझा कलर सकते है.