मित्रों हम वो मनुष्य समाज है जो कभी किशी जमाने मे पत्र लेखन के माध्यम से अपनी बात को अन्य जगा तक पहोंचाते थे, और आज यही कार्य हम मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से करते है, और यही कारण है की आज लगभग सभी लोगों को पत्र लेखन के बारे मे पता नहीं है, किन्तु यदि आपको थोड़ी सी भी यदि व्यंजन, पत्र लेखन के बारे मे रूचि है तो आजके इस लेख मे बने रहें आज हम आपको पत्र लेखन के एक जरुरी भाग “अनौपचारिक पत्र” के बारे मे जानकारी देने वाले है.
अनौपचारिक पत्र क्या है? Anopcharik patra
वेसे तो हम नित्य अपमे मित्रों अपने परिवार वालों को इन्टरनेट के सहायता से संदेसा भेजते है, किन्तु क्या आपको पता है की यदि वो सन्देश हमारे प्रियजन अर्थात पापा, माँ, चाचा, दादा, बहन, मित्र इत्यादि केलिए है तो उसे Anopcharik patra कहते है।
यह सायेद आपको पता नही होगा परन्तु यदि आप हमारे भारतवर्ष को सही तरीके से समझने का प्रयाश करें हमारे संस्कृति हमारा धर्म को सठिक तरीके से समझ ने की कोशिश करें तो आपको किसी अन्य ग्रन्थ या अन्य जानकारी की आबश्यकता नही होगी.
इसलिए अनौपचारिक पत्र के बारे में हो या हिंदी पत्र लेखन के बारे में हो यदि आप सठिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो भारत वर्ष की ग्रंथों को अध्यन करें, अतः जिन पत्रों को आप अपने प्रियजन जेसे प्रियजन अर्थात पापा, माँ, चाचा, दादा, बहन, मित्र अदि केलिए लिखते है उशे अनौपचारिक पत्र कहेते है.
अब Anopcharik patra में भी कुछ तरीके होते है भेद होते है जिनके बारे में हमने आपको निचे बताया हुआ है.
अनौपचारिक पत्र के भेद
अनौपचारिक पत्र लेखन में अनेक भेद है और यह अलग अलग कारणों के ऊपर बिभाजित है, अतः हमने इनके बारे में पुरे बिस्तार रूप से निचे बताया हुआ है, कृपया उन्हें ध्यान से पढ़ें.
- सुझाव/सलाह पत्र
- बधाई पत्र
- शुभकामना पत्र
- नाराजगी/खेद पत्र
- अनुमति पत्र
- निवेदन पत्र
- आभार प्रदर्शन पत्र
- निमंत्रण पत्र
- क्षमायाचना एवं आश्वासन संबंधी पत्र
- अभिवादन पत्र
सुझाव/सलाह पत्र
अपने बेटे को घर बनाने के बारे में सुझाव/सलाह देते हुए एक पत्र लिखें.
पार्क रोड
जमशेदपुर
20 दिसंबर, 20…
प्रिय पुत्र विसाल.
तुम्हारा माता, तुम्हे यह पत्र के जरिये सूचित करना चाहती हूँ की घर में सभी सदश्य सकुशल है, और हमने यह निर्णय लिया है की हमारा घर को थोडा बड़ा करें, अभी घर में सदश्य की संख्या अधिक होने लगा है, इसलिए मेने यह निर्णय लिया है की हमारे पिछले वाले घर को और बड़ा करें.
किन्तु इसकेलिए हमें धन की अबश्यक है और इसलिए मेरी सलाह है की तुम इस बारे में विचार करो और जितना हो सके मदद भेजो, इसके अतिरिक्त एक सलाह यह भी है की अपने शारीर के प्रति ध्यान रखा करो पिचिली बार तुम्हारी छबी देखि थी और तुम पतले नजर आरहे थे, इसलिए मेरी सलाह मनो और रोजाना दूध पिया करो.
जब यह पत्र तुम्हारे पास पहोंचे मेरी बातों को ध्यान से बिचार करना और अपना बीचा पत्र के द्वारा साझा अबश्य करना, रखती हूँ.
शुभकामनाओं के साथ
तुम्हारा माँ.
आनंदमयी.
बधाई पत्र
अपने मित्र को बधाई देते हुए यदि पत्र लिखना चाहते है तो वो कुछ इश प्रकार लिखें.
A-20, विकासपुरी,
भोपाल
4 जनवरी, 20…
प्रिय विशाल,
मुझे तुम्हे यह बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है की तुमने जिश website का आलोचना मेरे साथ किआ था वो website अब हमने खरीद लिया है, और जानकर यह ख़ुशी होगी की मेने उसपर कार्य करना शुरू भी कर दिया है, तुम्हारे नाम से मेने एक ऑथर पेज भी बनाया हुआ है, यदि तुम कभी मन बदलो तो मेरे साथ मिल कर काम कर सकते हो, इसी के साथ और एक खुश खबरी है की मेरी शादी अगले महीने ते हो गयी है और तुम्हे आने की अनुमति नही है, वो इसलिए क्योंकि तुम मेरे दोस्त कम भाई हो, इसलिए तुम्हे अनुमति लेने की अबश्यक नही है, अब मैं इसीके साथ इश पत्र को अंत करता हूँ, आशा है की तुम जिन्दा हो.
यदि तुम जीवित हो तो माँ और “कालीमाता” एवं पिताजी को मेरा सादर प्रणाम बोल देना।
तुम्हारा मित्र,
विस्वनाथ
निमंत्रण पत्र
अपने रिश्तेदार को निमंत्रण देते हुए एक अनौपचारिक पत्र इस प्रकार लिखें.
हैदराबाद
18 जनवरी, 20…….
मेरे प्रिय चाचाजी,
प्रिय चाचाजी आपको जानकर ख़ुशी होगी की आने वाले 20 त्यारिख को मेरा शादी ते हुआ है, और यदि आप मेरे शादी में उपस्थित रहेंगे तो मुझे बेहद ख़ुशी होगी, हा मुझे पता है की आपको आने में समाश्या का सामना करना पड़ेगा, किन्तु आप मेरे लिए मेरे पिता के सामान है, इसलिए पिता के बिना कोई भी ख़ुशी अवसर नही हो सकता, इसलिए आपसे बिनम्र निवेदन है की मेरे इस शादी में अप अपना योगदान दें.
पिछली बार मेरे जनम दिन पर आपने मुझे जो साइकिल दिया था उससे मैं बहुत खुश हूँ और उसीसे ही मैं स्कूल जाया करता था और अभी भी मेने उस साइकिल को संभल कर रखा हुआ है आप जब आओगे तो हम दोनों उसमे बेथ कर बाजार घुमने जायेंगे, आपको मिठाई खिलओंगा, अतः आप 20 तारीख को मेरे शादी में अपना योगदान दें और शुभ अवसर की सुबह बढ़ाएं, धन्यबाद.
आपका प्रिय भतीजा,
विस्वनाथ.
शुभकामना पत्र
अपने बेहेन या किसी और को शुभकामना देने केलिए एक अनोपचारिक पत्र लिखें कुछ इस प्रकार.
आनन्द बिहार,
दिल्ली
17 अगस्त, 20..
प्रिय कोमल:
मैं यह जनता हूँ की मेरी कमी तुम्हे और हमारे परिवार वालों को बहुत दुःख देती है, किन्तु क्या करें मैं भारत से बहार होने के कारण घर में रोजाना नही आसक्त हूँ, और तुम्हारे पढाई और परिवार वालों की देखभाल भी तो करना होता है, इसलिए मेरे ऊपर क्रोध नही होना, मेने सुना है की तुमने ९वि कस्ख्या ख़तम कर 10vi में गयी हो, और इसके लिए मेरे तरफ से तुम्हे ढेर सारे सुभ कामनाएं, खूब पढो और अपना नाम रोशों करो, मैं यह चाहता हूँ की मेरी बेहेन दुनिया का सबसे ऊंचाई पर कदम रखे.
इसके अतिरिक्त यदि तुम्हे कोई संशय है या कोई कुछ बोलता है तो मुझे पत्र लिख कर अबश्य बताना कोई भी समाश्या के बारे में बोलने से पहेले मन में कोई संकोच नही रखना.
तुम्हारा भाई
विस्वनाथ.
नाराजगी/खेद पत्र
अपने किसी मित्र या परिवार वालों से अपने नाराजगी दूर करने या कोई एनी विषय पर बात करने केलिए एक Anopcharik patra कुछ इस प्रकार लिखें.
A-20, विकासपुरी,
भोपाल
4 जनवरी, 20…
प्रिय महेश मैं विस्वनाथ तुमसे बड़े दुःख के साथ यह पत्र लिख रहा हूँ की उष दिन हमारे बिच जो झगडा हुआ था वो नही होना चाहिए था, असल में भूल हम दोनों की थी और नही भी थी, हम दोनों बेकार में ही आपस में झगड़ लिए, और इसके लिए मुझे खेद है और मैं तुमसे इसके बदले में माफ़ी मांगता हूँ.
निवेदन करता हूँ की हम दोनों चलो पहेले की तरह फिर से दोस्त बन जाएँ हमारी दोस्ती बचपन से है और इसे मैं यूं ही अंत नही करना चाहता उष दिन के झगडे केलिए मुझे खेद है और माफ़ी की आशा रखते हुए मैं यह चिठ्ठी लिख रहा हूँ, आशा करता हूँ की तुम मुझे माफ़ कर डोज और पहेले की तरह हमारी दोस्ती बनी रहेगी.
इति तुम्हारा दोस्त
“विस्वनाथ”
अनुमति पत्र
अपने पिता से या किसी अन्य ब्यक्ति से अनुमति लेने केलिए एक अनौपचारिक पत्र लिखें कुछ इश प्रकार.
A-20, विकासपुरी,
भोपाल
4 जनवरी, 20…
पिताजी मैं सुदाम आपसे एक विशेष विषय पर अनुमति लेने केलिए यह पत्र लिख रहा हूँ, उससे पहेले आपको मेरा प्रणाम, बात असल में यह है की जहाँ पर मैं रेहता हूँ उष घर में मैं जगत जननी माँ कलि की मंदिर स्थापित करना चाहता हूँ और इसके लिए आपकी अनुमति लेना अति अबश्यक है.
असल में जगह की कमी होने के कारण मैं हमारे घर के दुसरे घर को हटाना चाहता हूँ और वहां पर यह मंदिर स्थापित करना चाहता हूँ, यदि आप मुझे अनुमति दें तो यह कार्य करने में और कोई बाधा नही आयेगा, कृपया आप मुझे जल्द से जल्द पत्र लिखें और अनुमति देने की कृपा करें.
इति आपका पुत्र
सुदाम
निवेदन पत्र
अपने बंधू को किसी विषय में निवेदन करते हुए अनौपचारिक पत्र कुछ इश प्रकार लिखें.
A-20, विकासपुरी,
भोपाल
4 जनवरी, 20…
मित्र दिलीप मैं अभी मुंबई में रहेने आ गया हूँ और गाँव में आना जाना बहुत कम होगा, हा जनता हूँ की हमारी दोस्ती बहुत याद आयेगी किन्तु जीवन का येही धर्म है खुद को जीवित रखने केलिए काम करना पड़ेगा ही, और इसी लिए जहाँ भी जाना पड़े वहां जाना चाहिए, तुमसे यह निवेदन करता हूँ की मुझसे जो तुमने उधार राशी लिया था उसको वापस कर दो, अभी मेरे पास पैसों की कमी है और इश समय तुम्हारी मदद की अबश्यक है, निवेदन येही है की मेरे पैसे वापस कर दो.
तुम्हारा मित्र
विस्वनाथ
Note: इशी तरह से एनी सभी तरह का पत्र भी अपने दोस्त परिवारवाले, या रिश्तेदार को लिखा जाता है, Anopcharik patra लिखने में कोई अंतर नही है सभी पत्र लेखन लग भाग एक ही है बस नाम और तरीके का फरक होता है, परन्तु यदि आप चाहते है की आप इसे ऑफलाइन सीखें तो आप निम्न लिखित PDF को प्राप्त कर सकते है.
निष्कर्ष:
तो मित्रों हम यह आशा करते है की आपको हमारा यह लेख पसंद आया है और इससे कुछ नया सिखने को मिला है यदि आपको यह अच्छा लगा है तो आप अपने मित्रों के साथ हमें साझा कर सकते है, और यदि आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप हमसे संपर्क कर पुच सकते है.
FAQ
अनौपचारिक पत्र क्या है?
यदि कोई सन्देश हमारे प्रियजन अर्थात पापा, माँ, चाचा, दादा, बहन, मित्र इत्यादि केलिए है तो उसे Anopcharik patra कहते है।
औपचारिकता पत्र कैसे लिखें?
शुरुवात में आपका नाम और तारीख के साथ लिखे जाने वाले व्यक्ति को संबोधित करके औपचारिकता पत्र लिखें.
अनौपचारिक पत्र की शुरुआत कैसे करें?
अनौपचारिक पत्र की शुरुआत स्थान, तारीख और अपना नाम के साथ किआ जाता है, पत्र के मध्यभाग में अपना बक्तव्य रखें और अंत में व्यक्ति का नाम और अपना नाम के साथ ख़तम करें.